बारिश की बौछारबदले सर्दी का मिजाजजिंदगी आसां घर बैठे लोगों काचाय-काॅफी की चुस्की सेलुफ्त उठाते सर्दी कीकठिन है जिंदगी उनकीजिनके पास छत नहींसर छुपाने केना ही गर्म कपङेतन को बचाने केकिन्हीं के लिएआनंदमयी सुहानी सर्दीकितनों के लिएहाङ कंपा देने वाली ठण्डयह भी करती भेदभावइंसानों की भांति।। © इला वर्मा 20-01-2016