Categories
Lifestyle

भेदभाव

बारिश की बौछारबदले सर्दी का मिजाजजिंदगी आसां घर बैठे लोगों काचाय-काॅफी की चुस्की सेलुफ्त उठाते सर्दी कीकठिन है जिंदगी उनकीजिनके पास छत नहींसर छुपाने केना ही गर्म कपङेतन को बचाने केकिन्हीं के लिएआनंदमयी सुहानी सर्दीकितनों के लिएहाङ कंपा देने वाली ठण्डयह भी करती भेदभावइंसानों की भांति।। © इला वर्मा 20-01-2016  

Loading

Categories
Lifestyle

कासे कहूँ

    जमाने ने गम दियातो मैं चीखी- चिल्लायीपरजब अपनों ने सितम ढायातो आँखें हुई नमदिल रोया जार-जारखाई थी चोट अपनों सेजाती मैं कहाँ।।© इला वर्मा 09-01-2016

Loading

Categories
Lifestyle

Maturity

  The reading glasses hangs on my nose Friends, Maturity sets in. LOL © Ila Varma 07-01-2016

Loading

Categories
Lifestyle

कठोर सत्य।।

  सांस थमते, अस्थी और अस्तित्व, पंचतत्व में विलिन, रह गयी सिर्फ, ख्याति तुम्हारी, जिन्हें याद कर लोग होते गमगीन।। © इला वर्मा 29/12/2015

Loading

Categories
Creative Writing Poetry of the Soul

VERY TRUE

The Most Critical Moment In Life When Someone Very Special  Hurts You Deeply Gives Tears To Your Eyes  And Ask What Happened?  & You Just Reply,    NOTHING!

Loading

error: Content is protected !!