सांस थमते, अस्थी और अस्तित्व, पंचतत्व में विलिन, रह गयी सिर्फ, ख्याति तुम्हारी, जिन्हें याद कर लोग होते गमगीन।। © इला वर्मा 29/12/2015
सांस थमते, अस्थी और अस्तित्व, पंचतत्व में विलिन, रह गयी सिर्फ, ख्याति तुम्हारी, जिन्हें याद कर लोग होते गमगीन।। © इला वर्मा 29/12/2015