here You traveled into my crooked life Demystifying the clinging slime Enthusiastic & charged […]
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दबे पाँव, वे मेरे ख्बाबों में आए, खुशनुमा हो गई, जिंदगी मेरी, जीने की सबब, जो मिल गई मुझे।। © इला वर्मा 06-05-2016
रूबरू हुए हम बीते पल से सजते थे महफिल हमारे दम पर।। समय के चक्रवात ने कर दिया चकनाचूर संजोए उम्मीद सारे।। दफन हो गये सब ख्बाब हमारे रह गए सिर्फ अवसाद हमारे।। एक आस है बाकि कभी तो, कहीं तो मिलेगें हम एक बार।। © इला वर्मा 19-01-2016
तुम्हारी खुशी की खातिर हमने वादा तो दे दिया हम उदास न होगें तेरे बिन बस एक बार मेरी आँखों में झाँक तो लिया होता मेरी आँखों में तैरती है तस्वीर तेरी।। भूलाना तो नाममुमकिन है मेरे ख्बाबों में भी बसते हो सिर्फ तुम ही तुम।। प्यार मेरा सच्चा है तेरे लिए पर स्वार्थी नहीं […]
अनभिज्ञ थे हम दुनिया के रस्मों-रिवाजों से कस्बें की मोहतरमा से दिल लगा बैठे।। © इला वर्मा 29/12/2015 Pic Credits: here
ख्बाबों में वे, दस्तक देते हैं रोज।। आ जाओ अब, मेरे आगोश में। दूरियाँ, सही नहीं जाती अब। मुद्दत से कर रही हूँ, इंतजार, मुहुर्त, उस पल का, जब मैं “मैं” न रहूँ, तुम “तुम” न रहो, हो जाए “हम” हर सफर हो साथ, ये नजदीकियाँ।। © इला वर्मा 21/11/2015
स्याह रात है आओ हम सजा दें अपने प्यार के सितारों से रौशन कर दें समां अपने अरमानों से। © इला वर्मा 07/11/2015 Source: Google
चाहत बस इतनी वह बैठे रहे मेरे संग मैं खुशी से खिलखिलाऊँ और वे मेरे गीतों पर गुनगुनाए ।। © Ila Varma 2015 Image […]