बीती बातों का है अंबार इजहार करने को मन है तैयार पर किस छोर से शुरू करें किस डोर को ढीली करें समझ न पायें हम।। विराम दिया, कुछ क्षण लेखनी को लगाम दिया मन के आवेगों को व्याकुलता तो है बहुत उमंगो को रंग दें पर किसमे कितना रंग भरें तय कर पाना है […]
बीती बातों का है अंबार इजहार करने को मन है तैयार पर किस छोर से शुरू करें किस डोर को ढीली करें समझ न पायें हम।। विराम दिया, कुछ क्षण लेखनी को लगाम दिया मन के आवेगों को व्याकुलता तो है बहुत उमंगो को रंग दें पर किसमे कितना रंग भरें तय कर पाना है […]
दबे पाँव, वे मेरे ख्बाबों में आए, खुशनुमा हो गई, जिंदगी मेरी, जीने की सबब, जो मिल गई मुझे।। © इला वर्मा 06-05-2016
हर एक फ्रेन्ड जरूरी होता है जिंदगी के हर डगर पर मिलते हैं दोस्त अनेक दोस्तों की महफिल जमती तो, काफूर हो जाते सब गम बिन्दास हो, गाना-बजाना करते हम चेहरे से गायब हो जाती, शिकन हर छोटी मोटी बातों पर लोट-पोट हो हंसी-ठिठोली लगाते हम।। हम हैं, गुलदस्ते के रंग-बिरंगे फूल, संग मिलकर खूबसूरत […]
SOURCE: here जब हम बच्चे थे अक्ल के कच्चे थे हमारे मन सच्चे थे ऊँच-नीच का ज्ञान नहीं द्वेष और भेदभाव से परे।। अपनी इक छोटी सी दुनिया जो सजती गुङिया-गुड्डों, रंग-बिरंगे खिलौने से जिनमें बसती थी जान हमारी।। सज-संवर कर रंग-बिरंगे कपङों में माँ की ऊँगली पकङ कर जाते हम स्कुल ज्योंहि माँ ऊँगली […]
रूबरू हुए हम बीते पल से सजते थे महफिल हमारे दम पर।। समय के चक्रवात ने कर दिया चकनाचूर संजोए उम्मीद सारे।। दफन हो गये सब ख्बाब हमारे रह गए सिर्फ अवसाद हमारे।। एक आस है बाकि कभी तो, कहीं तो मिलेगें हम एक बार।। © इला वर्मा 19-01-2016
Title: The BestSeller She Wrote Author: Ravi Subramanian Genre: Romance & ThrillerPublisher: Westland Ltd.Release Date: 19th October 2015 Format: Paperback Cover Design: Think WhyNotPages: 391 Price: INR 295Source: Blogadda.com Video: Check it out for more. Video My rating: 4/5 It was a dream come true to receive an author signed book, ‘The Bestseller She Wrote’ by Ravi Subramanian, courtesy by Blogadda for the book review. Thank you Blogadda. I […]
स्याह रात है आओ हम सजा दें अपने प्यार के सितारों से रौशन कर दें समां अपने अरमानों से। © इला वर्मा 07/11/2015 Source: Google
हाथ उठे खुदा की इबादत में रूक गए हुस्न की तारिफ में। खुदा ने कबूल किया मुस्कुरा कर, याद कर हम भी कभी जवां थे। © इला वर्मा 06/11/2015 Source: Google
गुलाब की सुखी पत्तियाँ दबी डायरी पन्नों में बयां कर गयी भूली दास्तान मेरे पहले प्यार की कहानी। हौले हौले कुरेद गयी दिल की तह में दबी तेरे मेरे प्यार की कहानी। © इला वर्मा 04/11/2015 […]
मेरी इबादत से उनकी दिन शुरू होती थी आज भीङ में पहचानने से इनकार कर दिया उफ्फ खुदा मुझसे जूदा हो गया। © इला वर्मा 03/11/2015 Source: http://wallpoper.com/images