मेरा अजीज
बन गया अजनबी
दूर आगे बढ गया
बेमायने हुऐ, कल के रिश्ते
रौंद कर निकल गया।
बेजुबान,
एक टक घूरती रही
नम आँखों से बिदा किया
शिकवों का तो अंबार था
पर जुबां हिली नहीं
दिल ने हजार दुआएँ दी
यह अजनबी
मेरे दिल के करीब है
अभी भी अजीज है।
© इला वर्मा 08/11/2015
Image Source: Google
4 replies on “अजीज अजनबी”
(Y)
Thank u
beautiful….!
Thanks a lot Sunaina