हर एक फ्रेन्ड
जरूरी होता है
जरूरी होता है
जिंदगी के हर
डगर पर
डगर पर
मिलते हैं दोस्त
अनेक
अनेक
दोस्तों की महफिल
जमती
जमती
तो, काफूर हो जाते
सब गम
सब गम
बिन्दास हो,
गाना-बजाना करते हम
चेहरे से गायब
हो जाती,
हो जाती,
शिकन
हर छोटी मोटी
बातों पर
बातों पर
लोट-पोट हो
हंसी-ठिठोली लगाते हम।।
हम हैं,
गुलदस्ते के रंग-बिरंगे फूल,
संग मिलकर
खूबसूरत आकार देते
हम
हम
लङते-झगङते
चीखते-चिल्लाते
बात-बात पर
हम
हम
पर
दोस्तों की बात
दिल पे वार
करती नहीं
करती नहीं
चुभती नहीं
ना ही गिले-शिकवे
ना आक्रोश
रह जाते मन
में।।
में।।
दोस्तों की बात
निराली
निराली
बाँटतें हम उनसे
हर इक बात
हर एक बात
का
का
राजदार।।
कुछ मस्ती करते
नही थकते
मनमानी कर
बहुत हंसते
उदास हम
रह नही पाते।।
जिंदगी की आपा-धापी में
दोस्तों से बिछङ
जाते हम
जाते हम
य़ाद उनकी
रह जाती है
मन के अंतरमन
में।।
में।।
This post is a part of Write Over the Weekend, an initiative for Indian Bloggers by BlogAdda.