क्युँ नवाजा उन्हें,
कुदरत की खुबसूरत नियामत से,
जिन्हें कद्र नहीं,
कुदरत के अनमोल सौगात संभालने की।।
© इला वर्मा 27/12/2015
क्युँ नवाजा उन्हें,
कुदरत की खुबसूरत नियामत से,
जिन्हें कद्र नहीं,
कुदरत के अनमोल सौगात संभालने की।।
© इला वर्मा 27/12/2015
One reply on “ख्यालात”
Poignant !