नया साल जिसका शुभारंभ इतने धूम धड़ाके से हुआ, दो महीने बाद ही रंग बदलने लगा। होली खत्म होते ही ऐसे रंग और तेवर बदले अभी जून खत्म होने को आया लोग प्रकोप से उबर नहीं पा रहे है। सलाह मशविरा ,जीवन, मरण का अंतहीन सिलसिला चल रहा है, पर उबरने की संभावना स्थायी तौर पर अभी नहीं दिखती।
चलिए आस पर दुनिया टिकी है। लाॅकडाउन मे सभी लाॅक हुए, कोरोना वारियर्स को छोड़कर जिसमे सरकारी कर्मी होने के नाते, मैं भी थी। मेरे घर मे सभी परेशान थे, क्योंकि मेरे घर मे, मेरे और एक आध स्टाफ को छोड़कर, कोई नही रहता। बच्चे पति सब अलग थलग थें इसलिए ज्यादा परेशान थें।
मधुमेह और उच्च रक्तचाप का मरीज होने के बावजूद अभी कोरोना के भय से बाकी बिमारियों ने दुम दबा लिया। बीमारियाँ शारिरिक जो रहे पर मानसिक हालात से बहुत हद तक प्रभावित होती है। मेरा भी हाल अकेले रहने की वजह से सही नही रहता था। जरा सी आहट होती थी, लगता था कहीं ये वो तो नहीं।
लाॅकडाउन खत्म होने के बाद कुछ सामाजिक जिम्मेदारी निर्वहन के अवसर आने लगे। एक सहेली की शादी की सालगिरह के नाम पर इक्का दुक्का अतिथि के नाम पर आने का आमंत्रण मिला। अभी तक मास्क और ग्लव्स से देह नही निकाला, सामाजिक मिलन का यह अवसर एक बोझ जैसा लग रहा था। पर कुछ मजबूरी थी, मना करना संभव नही हो पाया।
मरता क्या ना करता सोच आफिस के बाद बुके के लिए एक प्रतिष्ठित दुकान मे गई। कांउटर पर मास्क लगा कर दुकान की मालकिन बैठी थी, पर यह क्या एक हाथ से लाॅलीपाॅपनुमा आइसक्रीम मास्क के अंदर घुसा कर स्वाद ले रही थी। लगातार तीन माह से गर्म पानी पीते पीते जली हुई जीभ को यह नजारा बहुत अद्भुत लगा। क्या confidence था।
मैने गिफ्ट पैक कराते बातो के क्रम मे उस कूल और कान्फिडेन्ट महिला से कोरोना से बचाव पर राय जाननी चाही। कुछ नहीं, बस गरम पानी जितना हो पीयो, ठंडी चीजो से परहेज करो, आइसक्रीम का स्वाद लेते हुए बताया।
मै बहुत सोच मे पड़ गई…और हाँ दूसरी बात…मुँह पर लगे मास्क को हाथ से एडजस्ट करते हुए बोली,,,चेहरे से हाथ हमेशा दूर रखो…आँख, नाक ,मुँह से ही तो वायरस अंदर चला जाता है…इस गहन जानकारी, और जानकारी के प्रदर्शन के तरीके पर, मै अभिभूत थी…आइसक्रीम खाते हुए ठंढी चीजो से दूर रहने की सलाह हो या हाथ से चेहरा छूते हुए हाथ चेहरे से दूर रखने की सलाह हो।
क्षेत्र भ्रमण के दौरान गांव-देहात मे लोगो को बिना किसी सुरक्षा के आपस मे मिलते देखती हूँ, और मै पूर्ण रूपेण मास्क ग्लवस से सुसज्जित हो गाड़ी से निकलती हूँ…तो मंगल ग्रह के प्राणी जैसा मन लगता है…या तो वो सही हैं या मैं। या तो उनकी इम्यूनिटी सही है या मेरी कमजोर है…या तो वो दिमागी रूप से मजबूत हैं, या मैं ज्यादा भयाक्रांत हूँ...कोरोना…तेरा जो भी हो ना… 😛
Guest Post by Archana Kumari for the blog train series, THE PANDEMIC THAT CHANGED OUR LIFE UPSIDE DOWN gives a humor angle to this pandemic phase.
Archana is my school mate and writing satire and humorous posts are her forte. She is working with Bihar Govt as a District Programme Officer and she is a Corona Warrior working in the field for the welfare of women and children during Covid19.
14 replies on “कोरोना…तेरा जो भी हो ना… #Pandemicdiaries2020”
nice, better to take it easy at the same time should take precautions, this too shall pass
Bahut acha laga kafi dino ke baad Hindi Mai kuch pads..yes coronavius pandemic is taking a test of our patience upto a highest level and it is sad that some people didn’t understanding the importance of following rules and taking precautions.
Aapne bahut hi atchhe andaz me, zaroori matra me vyang ka prayog karke corona se Judi zaroori baton k baare me likha hai. Sahi hai, log dusron ko hidayate dete me pechhe nahi hatate magar khud un baton ka palan krne me aalas krte hain.
True 🙂
You wrote it so well. Much needed one. but yes sad to know that guys dont understand the seriousness yet.
कोरोना तेरा जो भी हो ना- ये विषय बहुत अच्छा लगा,
बहुत सूंदर तरीके से व्यक्त किया है,कोरोना से जुडी आवश्यक चेतावनी को बताने का अच्छा तरीका है.
सराहनीय
Thanks Pragun
ISS topic ko ek vyang ke roop mein bahot hi achi tarah se pesh kiya gaya hai. Hindi hamari rashtrabasha mein isse pad kar chehre par muskan aa gayi.
🙂
Yes, people still don’t understand the seriousness of the pandemic and the safety measures to protect themselves and the community at the same time.
True….the people who have gone through and lost their loved ones know the real pain.
Thanks for being a part of the series, THE PANDEMIC THAT CHANGED OUR LIFE UPSIDE DOWN.
[…] The disease was still spreading its wings, and not getting arrested. A new virus got identified ‘Novel Corona Virus’. Wuhan city of China was the worst affected. But we were not alarmed because we did not imagine that […]
Hindi ka lekha apne aap mein bahut ruchikar hai achcha laga kisine hindi m corona ke bhay ko vyakt kiya hai, us bouquet wali ki hi tarah mere aas paas bhi bahut se anginat gyani rehte hai jo hidayat dene m jara bhi der nhi lagate lekin uska anusaran karna unki dictionary mein sabse kathin karya ki tarah hai|
hahaha